Retirement Planning: 60 के बाद होंगे ठाठ, बस निवेश के मामले में समझ लें ये जरूरी बातें
60 के बाद जब नौकरी नहीं रहेगी तो क्या होगा? आपको भी सताती है ये चिंता तो इसे दूर करने का एक ही तरीका है कि नौकरी के साथ ही रिटायरमेंट प्लानिंग भी शुरू कर दी जाए. यहां जानिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट टिप्स.
आजकल प्राइवेट नौकरी करने वाले तमाम लोगों को अक्सर इस बात की चिंता सताती है कि आखिर बुढ़ापे में उनका क्या होगा. अगर आपको फिक्र है तो इसे दूर करने का एक ही तरीका है कि नौकरी के साथ ही रिटायरमेंट प्लानिंग भी शुरू कर दी जाए. इसके लिए स्मार्ट निवेश के गुर सीखने होंगे और 60 की उम्र तक इतना बड़ा फंड तैयार करना होगा कि आगे चलकर किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़े. आप जितनी इन्वेस्टमेंट शुरू करेंगे, मोटा अमाउंट भी उतनी ही जल्दी तैयार कर सकते हैं और 60 की उम्र के बाद अपनी रिटायरमेंट लाइफ को बहुत अच्छे से एन्जॉय कर सकते हैं. यहां जानिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट टिप्स.
महंगाई दर को समझें और उस हिसाब से करें प्लानिंग
सबसे पहले ये कैलकुलेट करें कि आपको रिटायरमेंट के बाद अच्छी लाइफ जीने के लिए कितनी रकम की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए आपको कैलकुलेट करना होगा कि कितने समय में आपकी पूंजी आधी वैल्यू की रह जाएगी. ये कैलकुलेट करने का एक साधारण सा तरीका है Rule of 70. इसके लिए आपको मौजूदा महंगाई दर के बारे में पता होना चाहिए. जब आप 70 में मौजूदा महंगाई दर का भाग देंगे तो आपके सामने जो संख्या निकलकर आएगी, उससे आपको पता चल जाएगा कि कितने सालों में आपकी कुल जमा पूंजी की वैल्यू घटकर आधी हो जाएगी.
जैसे मान लीजिए कि मौजूदा समय में महंगाई दर 6 फीसदी है. तो ऐसे में 70/6 = 11.66 यानी करीब साढ़े ग्यारह सालों में आपकी जमा पूंजी की कीमत आधी हो जाएगी. यानी अगर आपके पास आज 1 करोड़ रुपए हैं तो 11.66 सालों बाद वो 50 लाख के बराबर रह जाएंगे. अब अपनी उम्र और इस कैलकुलेशन के साथ आप पहले ये समझिए कि आपको बुढ़ापे के लिए कितना पैसा चाहिए होगा. इसके बाद उस हिसाब से पैसे को निवेश कीजिए.
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आजकल इन्वेस्टमेंट के लिए कई सारी स्कीम्स और प्लांस मौजूद हैं. ऐसे में आपको किसी एक प्लान में काफी सारा पैसा इन्वेस्ट करना समझदारी नहीं है. इसकी बजाय दो से तीन अलग-अलग जगहों पर निवेश करना चाहिए. ये एक सुरक्षित और स्मार्ट तरीका है. इस बात को अच्छी तरह से ध्यान रखें.
कंपाउंडिंग की ताकत समझें
इन्वेस्टमेंट के मामले में नए हैं तो आपको कंपाउंडिंग की ताकत जरूर समझना चाहिए. कंपाउंडिंग में निवेश को वेल्थ में बदलने की क्षमता होती है. इसमें आपको निवेश की राशि के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. आप जितने लंबे समय के लिए निवेश करेंगे, उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा उठा सकते हैं. अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं तो वीपीएफ के जरिए निवेश को बढ़ा सकते हैं. ईपीएफ और वीपीएफ में आपको कंपाउंडिंग के साथ टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसके अलावा आप पीपीएफ, एनपीएस वगैरह में भी निवेश कर सकते हैं. बेटी के लिए सुकन्या जैसी स्कीम को चुन सकते हैं.
म्यूचुअल फंड भी है बेहतर विकल्प
आजकल निवेश के मामले में म्यूचुअल फंड भी काफी लोकप्रिय है. इसमें आप लंबे समय के लिए SIP के जरिए निवेश कर सकते हैं. इसमें भी आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. साथ ही औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है. अगर आप 25 साल में भी इसमें निवेश शुरू कर रहे हैं, तो अगले 20 से 25 सालों में आप अच्छी खासी पूंजी बना सकते हैं. हालांकि निवेश से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह लेना बेहतर होगा, ताकि आप जरूरत के हिसाब से बेहतर प्लान का चुनाव कर सकें.
प्रॉपर्टी में निवेश
प्रॉपर्टी में निवेश कोई नया आइडिया नहीं है. आपके परिवार में भी तमाम लोगों को आपने प्रॉपर्टी में निवेश करते देखा होगा. ये निवेश का वो जरिया है, जो कभी आपको जल्दी घाटा नहीं देता. आपके पास भी अगर अच्छी खासी रकम है, तो प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करें. जरूरत पड़ने पर जब भी आप अपनी प्रॉपर्टी को बेचेंगे तो ये आपको अच्छा खासा मुनाफा देकर जाएगी.
04:00 PM IST